सुविचार

सरकार और ईश्वर के दलालों पर व्यंग्य – सुनील जायसवाल

सरकार और धर्म — दोनों के बीच एक चीज़ समान है: दलाल। पर सोचिए — क्या सरकारें उन्हें अपॉइंट करती…

नजरें चुराने वाले दोस्तों पर कोट – सुनील जायसवाल
व्यंग्यात्मक उद्धरण कानून पर – सुनील जायसवाल द्वारा

चोरी अब एक सामान्य सामाजिक व्यवहार बन गया है — चाहे वह संसाधनों की हो, प्रकृति की हो या टैक्स…

अपराध बोध से नजरें चुराता व्यक्ति
Sunil Jaiswal Hindi Quote on Respect and Giving
Sunil Jaiswal Quote on Human Conflict in Hindi

जब इंसान ही इंसान का दुश्मन बन जाए, तो संघर्ष स्वाभाविक है। पढ़िए यह विचार-provoking कथन जो सामाजिक वास्तविकता पर…